कोलकाता24 मिनट पहले
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राज्य शिक्षा मंत्री ने 21 अप्रैल को योग्य उम्मीदवारों की सूची जारी करने की बात कही थी। ऐसा नही होने पर शिक्षकों ने प्रदर्शन शुरु किया था।
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में WBSSC के मुख्यालय का घेराव कर रहे प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने आयोग के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार को 40 घंटे बाद कार्यालय से जाने दिया। सिद्धार्थ मजूमदार 21 अप्रैल की रात से ही मुख्यालय के अंदर फंसे हुए थे। मजूमदार को 2016 SSC भर्ती परीक्षा की OMR शीट पेश करने से संबंधित सुनवाई के सिलसिले में बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में पेश होना है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘हमारा धरना जारी रहेगा। अदालती कार्यवाही के बाद मजूमदार के कार्यालय लौटने पर उनका फिर से घेराव किया जाएगा।’ कलकत्ता हाई कोर्ट बुधवार को पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें दावा किया गया है कि सरकार ने 26,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की ओएमआर शीट अपलोड नहीं की है।
शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 22 अप्रैल को SSC अध्यक्ष से मुलाकात की। योग्य शिक्षक फोरम के प्रवक्ता चिन्मय मंडल ने बैठक के कहा- SSC ने 15,403 शिक्षकों के योग्य होने की बात कही है, जो संतोषजनक है।
दरअसल, योग्य शिक्षकों की सूची जारी नही करने को लेकर गुस्साए हजारों शिक्षक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने 21 अप्रैल को शाम 6 बजे तक दोषी औप निर्दोष उम्मीदवारों की सूची जारी करने का वादा किया था। प्रदर्शन कर रहे शिक्षक उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक करने की मांग कर रहे है।
सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को घोटाले से जुड़े कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। हाईकोर्ट ने 2016 की शिक्षक और स्टाफ भर्ती को अवैध बताते हुए 25,753 शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया था।
तेज धूप में प्रदर्शन करते हुए, लगभग 2,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने WBSSC मुख्यालय का घेराव कर रखा है।
ममता बनर्जी ने शिक्षकों को काम पर लौटने को कहा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 अप्रैल को मिदनापुर के एक कार्यक्रम में शिक्षकों से काम पर लौटने और स्कूलों में पढ़ाना शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा- आपको यह सोचने की जरूरत नहीं कि कौन दोषी है और कौन नहीं। आपको सिर्फ यह सोचना है कि आपकी नौकरी और वेतन सुरक्षित है। हम भरोसा दिलाते हैं कि आपकी तनख्वाह मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल को CBI की जांच के बाद बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की नौकरी 31 दिसंबर तक बढ़ा दी थी। ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगी और शिक्षकों से भरोसा बनाए रखने की अपील की।
ममता बोली- मैंने इस बारे में कल रात से कई बार बात की है। नौकरी गंवा चुके Group C और Group D कर्मचारियों के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।
प्रदर्शनकारी बोले- अब हमारे पास खोने को कुछ नहीं
प्रदर्शन कर रहे एक शिक्षक ने कहा- अब हमारे पास खोने को कुछ नहीं बचा है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम यहां से नहीं हटेंगे। एक अन्य शिक्षक ने कहा- अगर हमें खुले आसमान के नीचे भूखा रहना पड़े, तो एसी कमरे में बैठे लोगों को भी भूखा रहना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने खाली बोतलें बजा-बजाकर और नारे लगाकर विरोध जताया। उनका कहना है कि आयोग लगातार झूठ बोल रहा है और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के आश्वासन सिर्फ धोखा हैं। एक शिक्षक ने कहा- मैंने सात साल सेवा दी, और अब मुझे अयोग्य कह दिया गया। मेरी बेटी को हर महीने किडनी का इलाज चाहिए, अब तो उसे बचाने के लिए भी कुछ नहीं बचा।
नौकरी गंवा चुके टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ SSC परीक्षा की OMR शीट सार्वजनिक करने की मांग कर रहें है।
भाजपा सांसद बोले- दोषी और निर्दोष उम्मीदवारों में अंतर करना अदालत की अवमानना नहीं
भाजपा सांसद अभिजीत गांगोपाध्याय ने आरोप लगाया कि बसु शिक्षकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “उम्मीदवार केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। दोषी और निर्दोष उम्मीदवारों में अंतर करना अदालत की अवमानना नहीं होगा। मैं शिक्षकों से आग्रह करता हूं कि वे शांतिपूर्ण आंदोलन तब तक जारी रखें जब तक उन्हें न्याय न मिल जाए।”
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “भाजपा का रुख स्पष्ट है। भाजपा चाहती है कि जो योग्य हैं उनकी नौकरी बनी रहे, जो अयोग्य हैं उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी। जिन्होंने चोरी की है उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। जब तक दोषियों को जेल नहीं भेजा जाता, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।”
आर.जी. कर अस्पताल बलात्कार और हत्या पीड़िता को न्याय दिलाने वाले आंदोलन में आगे रहे वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने भी प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के साथ प्रदर्शन में एकजुटता दिखाई है।
CBI ने 19 हजार योग्य उम्मीदवार छांटे
SSC के एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि CBI ने 2016 की भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी न्यासा कम्युनिकेशन के एक पूर्व कर्मचारी के गाजियाबाद स्थित आवास से एक हार्ड डिस्क बरामद की थी।
डिस्क में OMR शीट की स्कैन कॉपियां थीं। SSC के ऑफिस से जब्त सर्वर में भी कुछ डेटा था। उस परीक्षा में करीब 22 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। अभी जो 19 हजार नाम तय हुए हैं, वे CBI ने OMR शीट की मिरर इमेज देखकर तैयार किए गए हैं।
2 पॉइंट में पूरा मामला समझें…
- पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सिलेक्शन टेस्ट- 2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती की थी। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 22 लाख से ज्यादा लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी।
- इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
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