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भैयाजी बोले-अहिंसा के विचार की रक्षा के लिए हिंसा जरूरी: भारत को शांति के रास्ते पर सबको साथ लेकर चलना होगा, अमित शाह भी मौजूद थे


अहमदाबाद8 मिनट पहले

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि अहिंसा के विचार की रक्षा के लिए कभी-कभी हिंसा आवश्यक होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को शांति के रास्ते पर सभी को साथ लेकर चलना होगा। वे अहमदाबाद में हिंदू आध्यात्मिक सेवा मेला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। भैयाजी जोशी ने कहा,हिंदू अपने धर्म की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं। अपने धर्म की रक्षा के लिए हमें वे काम करने होंगे जिसे दूसरे लोग अधर्म करार देते हैं। ऐसे काम हमारे पूर्वजों ने किए थे।’

समारोह को संबोधित करते हुए RSS नेता भैयाजी जोशी।

महाभारत के युद्ध का हवाला दिया

महाभारत के युद्ध का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पांडवों ने अधर्म को खत्म करने के लिए युद्ध के नियमों को ताक पर रख दिया था। भैयाजी जोशी ने कहा, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हिंदू धर्म में अहिंसा के तत्व समाहित है। कभी-कभी हमें हमें अहिंसा के विचार की रक्षा के लिए हिंसा का मार्ग अपनाना पड़ता है। नहीं तो अहिंसा के विचारों की रक्षा नहीं हो सकती। हमारे महान पूर्वजों ने हमें यह संदेश दिया है। सभी को साथ लेकर चलना होगा

जोशी ने कहा भारत के लोगों को शांति के रास्ते पर सभी को साथ लेकर चलना होगा क्योंकि जो सभी को साथ लेकर चलने में सक्षम है वही शांति स्थापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई धर्म दूसरों को उनके धर्म का पालन करने की अनुमति नहीं देता तो कहीं भी शांति नहीं होगी। उन्होंने कहा, “भारत के अलावा कोई ऐसा देश नहीं है जो दूसरे देशों को साथ लेकर चलने में सक्षम हो।

वसुधैव कुटुंबकम यह आध्यत्मिकता के बारे में हमारे विचार हैं। अगर हम पूरी दुनिया को एक परिवार मान लेते हैं तो कहीं भी संघर्ष नहीं होगा।

मजबूत हिंदू समुदाय सभी के लिए फायदेमंद भैयाजी जोशी ने कहा, “जब हम कहते हैं कि भारत को मजबूत बनना चाहिए तो हम वास्तव में दुनिया को भरोसा दे रहे हैं कि एक मजबूत भारत और एक मजबूत हिंदू समुदाय सभी के लिए फायदेमंद है, क्योंकि हम कमजोर और वंचितों की रक्षा करेंगे।

हमारी एक पुरानी परंपरा है, जिसमें देश भर के एक करोड़ लोगों को मंदिरों और गुरुद्वारे में भोजन दिया जाता है। हिंदू धार्मिक संगठन केवल अनुष्ठान करने तक ही सीमित नहीं हैं, वे स्कूल, गुरुकुल और अस्पताल भी चलाते हैं। जब कोई व्यक्ति खुद को हिंदू कहता है तो इसमें कई पहलू शामिल हैं। यह एक धर्म, आध्यात्मिकता, विचारधारा, सेवा और जीवनशैली है।

RSS नेताओं के विवादित बयान

जिस पार्टी ने भगवान राम की भक्ति की लेकिन अंहकारी हो गई उसे 241 पर रोक दिया गया, हालांकि वो सबसे बड़ी पार्टी बनी। जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी उन्हें 234 पर रोक दिया। रामराज्य का विधान देखिए जिन्होंने राम की भक्ति की लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए। भगवान राम ने अहंकार के कारण उन्हें रोक दिया। -इंद्रेश कुमार, RSS राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, (13 जून 2014 को जयपुर में कहा) ​​​​​​​ भागवत ने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि वे ऐसे मुद्दे उठाकर हिंदुओं के नेता बन जाएंगे। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

-मोहन भागवत, RSS प्रमुख ( 22 दिसंबर को पुणे में कहा)

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