प्रयागराज में गुम हुए थे बिहार के 80 वर्षीय गंगाधर मिश्रा। काशी में मिले परिजन तो छलक उठे आंसू।
‘हम 22 फरवरी को संगम नोज पर नहाने के लिए पहुंचे थे। साथ में मेरा बेटा भोला मिश्रा और बहु थी। अचानक भीड़ बढ़ी और मै जो की संगम नोज पर भटक गया। लोगों से विनती करता रहा पर किसी को किसी की खबर न थी। एक पुलिस वाले ने काशी जा रही बस में बैठा दिया। यहां कई दि
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ये कहना है बिहार के शेखपुरा गांव के पोस्ट ऑफिस से रिटायर्ड गंगाधर मिश्रा का जो अपने परिजनों से मिलाकर अपनी खुशी के आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। गंगाधर को वाराणसी के समाजसेवी अमन यादव ने मुकीमगंज में भटकता पाया था और उसे अपने घर में रखा था। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद गंगाधर के गांव के मुखिया ने दीपक निषाद ने यह देखा और परिजनों को सूचना दी। वो आकर अपने पिता को ले गए।
संगम नोज पर नहाते समय बिछड़े थे गंगाधर गंगाधर के बेटे भोला मिश्रा अपनी पत्नी के साथ काशी पहुंचे थे। भोला ने बताया- 22 फरवरी को हम सभी ने प्रयागराज में अमृत स्नान किया। पिता जी को पहले स्नान करवाकर घाट किनारे बैठाया और खुद अपनी पत्नी के साथ संगम में पवित्र डुबकी के लिए पहुंचा। इसी दौरान पिता जी भीड़ में गम हो गए। हमने बहुत ढूंढने का प्रयास किया। पर कोई सफलता नहीं मिली।
घर पहुंचे तो समाज ने दिए तानें भोला ने बताया- हम दो दिन तक ढूंढने के बाद घर लौट गए। यहां लोगों ने पिता जी के बारे में पूछा तो उन्हें बिछड़ने की बात बताई। इसपर समाज ने तना देना शुरू किया कि छोड़ आये पिता जी को अब बहाना बना रहे हो। इससे रोने के सिवाए और कोई काम नहीं था हमारे पास बस यही विनती थी कि कैसे भी पिता जी मिल जाए। कई मंदिरों में मन्नत मानी।
5 मार्च को था श्राद्ध भोला ने बताया- गांव वालों ने समझाया कि लगता है पिता जी का देहांत हो गया है। तुम उनका श्राद्ध कर दो पर मन नहीं मानता था। उसके बावजूद रिश्तेदारों एक दबाव में 5 मार्च को पिता जी के श्रद्धा की तैयारी थी तभी मुखिया जी ने आकर पिता जी के ज़िंदा होने की सूचना दी। जिसपर हम बनारस आये हैं और यहां अमन यादव के घर पिता जी मिले हैं।
मुकीमगंज में मिले थे लावारिस अमन यादव ने बताया- मुकीमगंज इलाके में गंगाधर मिश्रा लावारिस हालात में मिले थे। जिन्हे अपने घर लाकर मैंने सेवा की और उनके बारे में पोस्ट किया। जिसके बाद कुछ लोगों ने मुझसे संपर्क किया और अब वो अपने परिजनों के साथ हैं।