हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी।- फाइल फोटो
हरियाणा सरकार मेयरों व पार्षदों के मानदेय में 25 से 30% की बढ़ोतरी कर सकती है। नायब सैनी सरकार के पिछले टर्म में इसके ऊपर प्रस्ताव लाया गया था, मगर सिरे नहीं चढ़ पाया था। अब सरकार चुनावी नतीजों से उत्साहित होकर बजट में इसके लिए प्रावधान कर सकती है।
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इसके अलावा पार्षदों व मेयरों को अपने वार्ड व एरिया में काम करवाने के लिए अनुदान राशि मिल सकती है। पार्षद व मेयर काफी समय से इसकी मांग भी करते आ रहे हैं।
इतना ही नहीं मेयर को अफसरों की ACR (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) लिखने की पावर बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है। अभी मेयर सिर्फ अफसरों की ACR पर कमेंट ही दे सकते हैं, मगर मेयर इससे खुश नहीं हैं। वह चाहते हैं कि कमिश्नर लेवल तक के अफसरों सहित निगम के अफसरों की ACR लिखने की फुल पावर उनको दी जाए। इस पर भी सरकार विचार कर सकती है।
मेयर को 30 हजार रुपए मानदेय मिलता है अभी सरकार मेयर को 30 हजार, सीनियर डिप्टी मेयर को 25 हजार और डिप्टी मेयर को 15 हजार रुपए मानदेय देती है। इसके अलावा नगर परिषद चेयरमैन को 18 हजार रुपए और डिप्टी चेयरमैन व पार्षदों को 12 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है।
मनोहर लाल सरकार ने करीब एक साल पहले मानदेय बढ़ाया था। मगर, मेयर व पार्षद इस मानदेय बढ़ोतरी से खुश नहीं थे। वह चाहते थे, मानदेय में और बढ़ोतरी हो। इससे पहले मेयर को 20,500 रुपए मासिक मानदेय मिलता था। इसी प्रकार, सीनियर डिप्टी मेयर का मानदेय 16,500 रुपए, डिप्टी मेयर का मानदेय 13,000 रुपए और पार्षदों का मानदेय 10,500 रुपए था।
हिसार में राज्य स्तरीय निकाय सम्मेलन में मानदेय को लेकर पार्षद हंगामा कर चुके हैं।
हिसार में सीएम कर चुके घोषणा विधानसभा चुनाव से पहले निकाय प्रतिनिधियों को तोहफा देने के लिए हिसार में राज्य स्तरीय निकाय जनप्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में मानदेय छोड़कर अन्य कार्यों के लिए प्रतिनिधियों को कई तरह के तोहफे देने की घोषणा की गई थी।
मानदेय के मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर फैसला लेने की बात कही थी, मगर इसके बाद आचार संहिता लग गई और बाद में सरकार इस पर फैसला नहीं ले पाई। ऐसे में अब आस जगी है कि सरकार इस पर कोई फैसला ले सकती है।
मानदेय बढ़ाने की ये 2 वजहें…
1. शहरों में गांवों के मुकाबले कोर वोटर ज्यादा हरियाणा में भाजपा का कोर वोटर गांवों के मुकाबले शहरों में अधिक है। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को शहरों में गांवों के मुकाबले ज्यादा वोट पड़ा था। यही वजह है कि शहरों के इस कोर वोटर को भाजपा और मजबूत करना चाहती है। निकाय चुनाव में भी शहरी वोटरों ने भाजपा को एक तरफा वोट दिए।
2. हरियाणा में सरकार को मिलेगी मजबूती हरियाणा में भाजपा ट्रिपल इंजन की सरकार का नारा देकर निकाय चुनाव जीती है। नीचे तक विकास हो इसके लिए सरकार निकायों को आत्मनिर्भर बनाने जैसे फैसले तो लेगी ही साथ ही मेयरों व पार्षदों का अनुदान फिक्स कर छोटे मोटे कार्य करवाने की पावर दे सकती है। इससे हर कार्य के लिए टेंडर की निर्भरता कम होगी और जल्दी विकास कार्य हो सकेंगे।
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