आजमगढ़ में हत्या के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए कोर्ट ने सुनाया आजीवन कारावास की सजा।
आजमगढ़ में पत्नी की हत्या किए जाने के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो जैनुद्दीन अंसारी ने शुक्रवार को सुनाया
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अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा राम बहादुर निवासी महरौड़ा थाना खेतासराय जनपद जौनपुर की पुत्री मीना की शादी 2003 में प्रहलाद निवासी लसड़ा खुर्द थाना बरदह जनपद आजमगढ़ के साथ हुई थी।वर्ष 2013 में प्रहलाद ने कुछ जमीन बेची थी।जमीन बेचने से मिले रुपयों का हिसाब मांगने पर नाराज हो कर प्रहलाद ने 10 दिसंबर 2013 को मीना को मिट्टी का तेल डाल कर जला दिया। जली हुई अवस्था में मीना को जौनपुर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बाद में बेहतर इलाज के लिए वाराणसी स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन मीना के पिता के इलाज के लिए रुपए नहीं थे इसलिए इलाज के चार दिन बाद मीना के पिता उसे अपने घर ले गए।जहां 15 दिसंबर 2013 को मीना की मौत हो गई।
9 गवाहों ने दी थी मामले में गवाही
पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपी पति के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता गोपाल पाण्डेय तथा निर्मल कुमार शर्मा ने कुल नौ गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया।दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति प्रहलाद को आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।