एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज, मध्य प्रदेश और स्वदेशी मंच द्वारा आयोजित ‘उद्यमी संवाद’ में, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए 26% टैरिफ को स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री कश्मीरी लाल ने भारत के लिए एक अवसर बताया।
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उन्होंने उज्जैन में लघु उद्योगों का संचालन कर रहे उद्यमियों से कहा कि यदि सभी उद्योग इकाइयां एकजुट हो जाएं, तो ट्रम्प के टैरिफ से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
उज्जैन के दशहरा मैदान स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में AIMP के इंदौर अध्यक्ष योगेश मेहता, उज्जैन अध्यक्ष उमेश सेंगर, सचिव आशीष दोषी सहित उज्जैन की कई उद्योग इकाइयों से जुड़े उद्यमी शामिल हुए। संगठन मंत्री कश्मीरी लाल ने कहा कि लोगों में उद्योगों को लेकर रुचि पैदा करनी होगी। सोच को बदलना होगा, और यदि सभी भारतीय एकत्रित हो जाएं, तो टैरिफ से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। भारत इस टैरिफ की चुनौती को जरूर पार करेगा।
“पहले वक्फ इंडस्ट्री की जमीन अपनी बताता था, अब ऐसा नहीं होगा”
वक्फ को लेकर उन्होंने कहा कि पहले वक्फ हमारी इंडस्ट्री की जमीन को अपनी बता देता था, जिससे हमें जमीन छोड़नी पड़ती थी। लेकिन अब नए कानून के बाद ऐसा नहीं होगा।
इंदौर इकाई के अध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि यदि देश अमेरिका और चीन की वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं को अपनाता है, तो यह देश के हित में होगा। चीन पर 8% अधिक टैरिफ लगाया गया है, जिससे हमारे उत्पादों के अधिक बिकने की उम्मीद है। इसका लाभ देश को मिलेगा, खासकर भारत की दवाइयों के बाजार को।
ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ क्या है?
टैरिफ एक तरह की बॉर्डर फीस या टैक्स होता है, जो कोई भी देश विदेशों से अपने यहां आने वाले सामान पर लगाता है। इसे आयात करने वाली कंपनियों से सरकार वसूलती है। इसे घटा-बढ़ाकर ही देश आपस में व्यापार को कंट्रोल करते हैं।
अमेरिका जितना सामान दूसरे देशों को बेचता है, उससे कहीं ज्यादा खरीदता है। इससे उनका व्यापार घाटा बढ़ा हुआ है। ट्रम्प कहते आए हैं कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाली चीजों पर ज्यादा टैरिफ बढ़ाएगा। उन्होंने इसे रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जैसे को तैसा टैरिफ कहा। इससे वो व्यापार घाटा कंट्रोल करना चाहते हैं।
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3 अप्रैल को पूरी दुनिया में उथल-पुथल मच गई। वजह थी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का ‘डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ’। उन्होंने भारत समेत 100 देशों पर कई गुना टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है। अब भारत से अमेरिका जाने वाले सामान पर 26% टैरिफ लगेगा।
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