धार जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार होने जा रहा है। आदिवासी बहुल क्षेत्र में तहसील स्तर पर चार नए सिविल अस्पताल बनाए जा रहे हैं। इनमें से तीन अस्पतालों के आधुनिक भवन लगभग तैयार हो चुके हैं।
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स्वास्थ्य विभाग को अप्रैल तक इन भवनों का हस्तांतरण कर दिया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अब अपने नजदीक ही बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी। इन अस्पतालों के शुरू होने से मरीजों को प्राथमिक उपचार के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
नए अस्पतालों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे क्षेत्र के निवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। यह कदम विशेषकर आदिवासी क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।
जानकारी के अनुसार, जिले में मनावर, सरदारपुर, बदनावर और पीथमपुर में 50-50 बेड के सिविल अस्पताल स्वीकृत हुए थे। इनमें मनावर और सरदारपुर में 95 प्रतिशत काम पूरा होने के साथ बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। फिनिशिंग, लाइटिंग फिटिंग व फर्नीचर का काम शेष बचा है जो मार्च तक पूरा हो जाएगा।
इसके बाद इन अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के हैंडओवर कर दिया जाएगा। पीथमपुर में जरूर अस्पताल बनने में थोड़ा समय लग सकता है। दरअसल करीब तीन साल पहले कुक्षी में भी 50 बेड का अस्पताल बनकर तैयार हुआ था, जिसके बाद यहां उपचार की सुविधाएं मरीजों को मिलने लगी है।
जिला अस्पताल पर दबाव कम होगा
स्वास्थ्य की दृष्टि से भले ही अस्पताल भवन तैयार हो रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की कमी को समय रहते दूर करना होगा। सिविल अस्पताल के नई बिल्डिंग के साथ संसाधन उपलब्ध होने से मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी, जिससे लोगों की दौड़- भाग कम हो जाएगी।
क्योंकि, ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज की सुविधाएं बराबर नहीं मिलने से मरीजों को जिला मुख्यालय सहित बड़वानी, इंदौर और गुजरात का रुख करना पड़ता था। अब मरीजों को यह सुविधा स्थानीय स्तर पर मिलेगी। वहीं स्वास्थ्य सेंटर से मरीजों के रेफर करने में भी कमी आएगी। इससे जिला अस्पताल पर दबाव कम हो सकता है।
सीएमएचओ डॉ. केके शिंदे ने बताया-
चार स्थानों पर सिविल अस्पताल का उन्नयन हो रहा है। मनावर, सरदारपुर व बदनावर में भवन बनकर तैयार हो चुका हैं, शेष कार्य प्रगति पर है। यह मार्च तक पूरा होगा। अप्रैल में इसे हैंडओवर किया जाएगा। डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।