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नागपुर में जहां औरंगजेब की कब्र के लिए मचा बवाल, वहां के मशहूर हैं प्रभु राम-गणेशजी के ये मंदिर, कुछ तो 350 साल पुराने


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Famous Temples In Nagpur: नागपुर में पवित्र ग्रंथ को जलाने की अफवाह के बाद से तनाव चल रहा है. तनाव के बीच दंगाइयों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और घरों पर भी पथराव किया गया है. दरअसल यह सारा मामला औरंगजे…और पढ़ें

नागपुर के प्रसिद्ध मंदिर

हाइलाइट्स

  • नागपुर में हिंसा के बाद तनाव का माहौल है.
  • नागपुर के दीक्षाभूमि स्तूप की ऊंचाई 120 फीट है.
  • रामटेक किला श्रीराम मंदिर के लिए प्रसिद्ध है.

Nagpur Violence: नागपुर के महल क्षेत्र में दो गुटों के बीच हिंसा का मामला सामने आया है. नागपुर पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस नागपुर हिंसा को लेकर बेहद सख्‍त भी हैं. दरअसल यह सारा मामला औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हुआ था, जिसको लेकर कुछ संगठनों ने प्रदर्शन किया था. इसके बाद एक समुदाय पर पवित्र ग्रंथ जलाने की अफवाह के बाद से मध्य नागपुर में तनाव का माहौल चल रहा है. नागपुर महाराष्ट्र का एक प्रमुख शहर है, जो केवल हिंसा के लिए ही नहीं बल्कि कुछ खास मंदिर, बौद्ध स्तूप, झीलें और हरे भरे बगीचों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां मौजूद कुछ मंदिर तो 350 साल पुराने बताए जाते हैं. आइए जानते हैं नागपुर के इन खास मंदिरों और बौद्ध स्तूप के बारे में…

दीक्षाभूमि स्तूप
नागपुर में स्थित दीक्षाभूमि स्तूप बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र और प्रसिद्ध स्मारक है. यह स्तूप धौलपुर बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट और संगमरमर से बना हुआ है. इस बौद्ध स्तूप की ऊंचाई 120 फीट है, जो एशिया का सबसे बड़ा स्तूप है. यह स्तूप डॉ. अम्बेडकर की याद और उनके बौद्ध धर्म अपनाने की घटना पर बनवाया था. यहां बुद्ध की कांस्य की प्रतिमा के साथ पवित्र वृक्ष भी मौदूग है.

रामटेक किला
नागपुर की एक पहाड़ी की चोटी पर प्रसिद्ध ऐतिहासिक तीर्थस्थान है, जिसे रामटेक किला के नाम से जाना जाता है. यह स्थान हरे भरे पेड़-पौधे और प्रसिद्ध श्रीराम मंदिर के वजह से मशहूर है. रामटेक स्थित पहाड़ी श्रृंखला को सिंधुरागिरी पर्वत भी कहा जाता है. मान्यता है कि प्रभु श्रीराम अपने वनवास के दौरान यहां पर रुके थे, इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण और पद्मपुराण में मिलता है यही पर अगस्ती मुनि का आश्रम था मान्यता यह भी है की महर्षी अगस्ति मुनि द्वारा यही पर प्रभु श्रीराम को ब्रह्मास्त्र दिया गया था.

ड्रैगन पैलेस मंदिर
नागपुर के कम्पी नामक स्थान पर बौद्ध मंदिर है, जिसे ड्रैगन पैलेस मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां पर बौद्ध को घंटों घंटों तक ध्यान करते हुए देखा जा सकता है. ड्रैगन पैलेस बौद्ध मंदिर को नागपुर के लोटस टेम्पल के रूप में जाना जाता है. मंदिर की स्थापना 1999 में की गई थी और इसका निर्माण जापान से ओगावा समाज द्वारा दान दिए गए धन से करवाया गया था. मंदिर में भगवान बुद्ध के एक विशाल चंदन की मूर्ति है और मंदिर के परिसर को पेड़ पौधे और हरे बगीच के साथ खूबसूरती से बनाया गया है.

नागपुर अक्षरधाम मंदिर
नागपुर अक्षरधाम मंदिर या स्वामी नारायण मंदिर अपनी खूबसूरती के लिए काफी प्रसिद्ध है. नवनिर्मित मंदिर एक बहुत बड़े किचन, पार्किंग और रेस्टोरेंट के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर के परिसर के अंदर कई बाग बगीचे हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए काफी प्रसिद्ध हैं. अक्षरधाम मंदिर की सीढ़ियां देखने में काफी सुंदर लगती हैं और शाम के समय मंदिर की लाइट्स जगमगा उठती हैं, जिससे इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं.

पहाड़ी गणेश मंदिर
नागपुर के सीताबर्डी इलाके में प्रसिद्ध गणेश हिल मंदिर है. इस मंदिर में भगवान गणेश की 350 साल पुरानी मूर्ति है, जो पीपल के पेड़ के नीचे स्थित है. यहां स्थित गणेशजी को पहाड़ी गणेश के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर भगवान गणेश के अलावा भगवान विष्णु के भी दर्शन कर सकते हैं. भक्तों का मानना है कि गणपति नागपुर वालों के आराध्य देव है और सभी मन्नतों को पूरा करते हैं. यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं. इसी इलाके में एक और गणेश मंदिर है, जिसको फौजी गणपति के नाम से जाना जाता है.

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नागपुर में औरंगजेब की कब्र के लिए मचा बवाल, मशहूर हैं राम-गणेश के ये खास मंदिर



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