मुरैना जिले में नल-जल योजना में घोटला करने वाले 5 ठेकेदारों को तीन सालों के लिए ब्लैकलिस्ट किया है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर फर्जी भुगतान लेने का मामला दर्ज कराया है।
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ठेके पर काम करने वाले ठेकेदारों ने हल्की गुणवत्ता के पाइप उपयोग किए। उसकी जगह भारत सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था सेंटर फॉर स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट, भोपाल से प्रमाणन न लेकर फर्जी जांच रिपोर्टें पीएचई विभाग में जमा कर दीं।
इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने उच्च गुणवत्ता के पाइपों का भुगतान प्राप्त किया, जिससे विभाग को वित्तीय नुकसान हुआ।
इन ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई
- मेसर्स मीरा धाकड़ (सुजानगढ़ी)
- दीनदयाल तिवारी (केशव कॉलोनी, मुरैना)
- सूरज शर्मा (दीनदयाल नगर, ग्वालियर)
- मां हरिसिद्धि कंस्ट्रक्शन कंपनी के पुरुषोत्तम धाकड़
- प्रजाबंधु तिवारी (केशव कॉलोनी) शामिल हैं।
जांच में यह बात भी सामने आई जांच में यह भी सामने आया कि सूरज शर्मा ने भिवाड़ी, अलवर स्थित ‘मोहित इंडिया’ नामक कंपनी से 90 मिमी व्यास के 6 केजी HDPE पाइप की 700 मीटर और 110 मिमी व्यास की 270 मीटर पाइप खरीदी थी, लेकिन उसने 1700 मीटर और 2700 मीटर का बिल बनाकर भुगतान प्राप्त करने का प्रयास किया। इसी प्रकार मां हरसिद्धि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी सिपेट संस्था की फर्जी रिपोर्टें पेश कर भुगतान लिया।
जांच में फर्जी पाई गई रिपोर्ट मेसर्स दीनदयाल तिवारी द्वारा पेश की गई सिपेट संस्था की रिपोर्ट भी जांच में फर्जी पाई गई। ठेकेदारों ने पाइप की गुणवत्ता जांचे बिना फर्जी दस्तावेज तैयार कर विभाग को गुमराह किया और अधिक भुगतान हासिल किया।
इस पूरे मामले की पुष्टि करते हुए पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री संतोषी लाल बाथम ने बताया कि दोषी ठेकेदारों को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। साथ ही विभाग को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अंतर की राशि की वसूली भी कर ली गई है।