पीलीभीत4 मिनट पहले
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भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने केंद्रीय बजट में श्रमिकों की उपेक्षा के विरोध में देशव्यापी आंदोलन शुरू किया है। पीलीभीत में संगठन ने जिला अधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
संगठन का कहना है कि बजट से पहले दिए गए सुझावों पर सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। EPF-95 के 75 लाख से अधिक पेंशनरों को कोई राहत नहीं मिली। वर्तमान में 1000 रुपये की पेंशन से महंगाई के दौर में गुजारा संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कर्मी और मिड-डे मील कर्मियों की मांगों को भी नजरअंदाज किया गया। इसके अलावा बीड़ी, प्लांटेशन, चाय बागान, कृषि और खनन क्षेत्र के मजदूरों की भी उपेक्षा की गई है। सरकार की सार्वजनिक संस्थानों के निजीकरण से 10 लाख करोड़ जुटाने की योजना का भी विरोध किया गया।
BMS की प्रमुख मांगों में EPF-95 की न्यूनतम पेंशन 5000 रुपये करना, EPF में वेतन सीमा 30000 रुपये और ESIC की सीमा 42000 रुपये करना शामिल है। साथ ही सार्वजनिक संस्थानों की बिक्री रोकने, बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश पर रोक लगाने और स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं देने की मांग की गई है। संगठन ने असंगठित क्षेत्र के लिए पर्याप्त धनराशि की मांग भी की है।