उज्जैन में बुधवार को रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाने की शुरुआत महाकाल मंदिर से हुई। तड़के हुई भस्म आरती में बाबा महाकाल को एक लौटा केसर युक्त रंग अर्पित किया गया, जिसके बाद पंडे-पुजारियों ने भगवान के साथ रंगपंचमी खेली। इसके बाद शहर में रंगपंचमी पर्व
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रंगपंचमी के मौके पर बाबा महाकाल का ध्वज चल समारोह और नगर निगम की नगर गेर का आयोजन भी होगा। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग गेर में शामिल होंगे।
रंगपंचमी के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव भी अपने गृह नगर उज्जैन में मौजूद रहेंगे। हालांकि, उनका आधिकारिक कार्यक्रम अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि वे दोपहर तक उज्जैन पहुंचेंगे और रंगपंचमी के स्थानीय कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
रंगपंचमी की पूर्व संध्या पर उत्सव
उज्जैन में रंगपंचमी से एक दिन पहले, मंगलवार रात से ही कई जगहों पर उत्सव शुरू हो गया। लोग एक-दूसरे को रंग लगाते रहे। चारधाम मंदिर में पूजन के बाद संतों ने बटुकों के साथ रंग उड़ाया।
बुधवार सुबह से लोग रंगपंचमी मनाने के लिए निकल पड़े। खासकर बच्चों में उत्साह देखने को मिला। इस दौरान महिला-पुरुष भी एक-दूसरे पर रंग डालते नजर आए। पूरे शहर में रंगपंचमी का उल्लास दिखाई दिया।
नगर निगम की गेर में युवाओं की धूम
नगर निगम द्वारा निकाली जाने वाली नगर गेर महाकाल मंदिर चौराहे से सुबह 9 बजे शुरू होगी। गेर में 20 क्विंटल गुलाल, 30 किलो कलर, सेंट, 4 डीजे, 3 फायर फाइटर, ताशा पार्टी, 2 वाटर लॉरी, 1 ध्वज वाहन, 1 ओपन जीप, 1 स्प्रिंकल वाहन, 1 पिकअप वाहन, 1 बैंड, गुलाल उड़ाने हेतु ब्लोअर, नागरिकों के लिए जलपान (भजिए एवं ठंडाई), पेयजल व्यवस्था, गोपाल मंदिर पर फव्वारे आदि की व्यवस्था की गई है।
महापौर मुकेश टटवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गेर का आयोजन भव्यता से किया जाए, जिससे शहर की जनता भरपूर आनंद ले सके।
महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव एवं निगम आयुक्त आशीष पाठक ने उज्जैन के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे नगर निगम द्वारा आयोजित नगर गेर में शामिल होकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोएं और इस आयोजन को सफल बनाएं।
महाकाल ध्वज चल समारोह शाम को निकलेगा
श्री महाकालेश्वर वीरभद्र ध्वज चल समारोह समिति द्वारा रंगपंचमी पर्व पर नगर में निकलने वाला ध्वज चल समारोह बुधवार शाम को प्रारंभ होगा।
इससे पहले दोपहर में सिंहपुरी से गेर प्रारंभ होकर महाकाल मंदिर पहुंचेगी। मंदिर समिति द्वारा ध्वज प्रदान किया जाएगा। इसी दिन शाम को सिंहपुरी, कार्तिक चौक और भागसीपुरा की गेर भी ध्वज निशान के साथ निकलेगी।
शाम को भगवान महाकाल और सभा मंडप में विराजित श्री वीरभद्र का पूजन होगा। इसके बाद ध्वज पूजन एवं कोटितीर्थ कुंड की परिक्रमा कर ध्वज चल समारोह श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होगा।
चल समारोह में 51 ध्वज पताकाओं के साथ एक चांदी का ध्वज, श्री वीरभद्र जी का रथ और करीब 7 धार्मिक झांकियां शामिल होंगी। इसके अलावा ढोल, ताशे, अखाड़े एवं उज्जैन व अन्य स्थानों से आए बैंड धार्मिक गीतों की धुन पर शामिल रहेंगे।
इन मार्गों से निकलेगा ध्वज चल समारोह
- श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह महाकाल मंदिर से पूजन के बाद प्रारंभ होकर इन मार्गों से गुजरेगा:
- तोपखाना → दौलतगंज चौराहा → फव्वारा चौक → नई सड़क → कंठाल चौराहा → सतीगेट → सराफा → छत्री चौक → गोपाल मंदिर → पटनी बाजार → गुदरी चौराहा
- इसके बाद ध्वज चल समारोह वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगा।