विदिशा के पेढ़ी चौराहे स्थित मराठी समाज के प्राचीन राम मंदिर में रामलला का जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मंदिर में एक विशेष परंपरा के अनुसार दोपहर ठीक 12 बजे भगवान राम के जन्म के समय सूर्य किरणों से अभिषेक किया गया।
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कांच के माध्यम से सूर्य की किरणों को भगवान की प्रतिमा पर डाला गया। यह अनूठी परंपरा पिछले 300 वर्षों से निरंतर चली आ रही है। अभिषेक के बाद विधि-विधान से पूजन किया गया। मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु स्वामी समर्थ रामदास ने की थी। मंदिर में अष्टधातु से निर्मित हनुमान जी की प्रतिमा भी विराजमान है।
इसी दिन अयोध्या में भी रामलला की प्रतिमा का सूर्य किरणों से अभिषेक की प्राचीन परंपरा पूरी श्रद्धा के साथ निभाई गई।
मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचे।