खिलचीपुर के बड़े मेला ग्राउंड पर कैवल्य योग आश्रम दोलाज द्वारा आयोजित अतिविष्णु यज्ञ में पूर्णिमा पर विशेष हवन किया गया। यज्ञ में गाय के दूध से बनी सात्विक खीर से आहुति दी गई। कैवल्य योग आश्रम के संत डॉ. रघुनाथानंद अवधूत जी ने खीर के महत्व को समझाया।
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उन्होंने बताया कि संस्कृत में खीर को ‘पायस’ कहा जाता है। खीर तीन प्रकार की होती है – गाय के दूध से बनी सात्विक खीर, भैंस के दूध से बनी राजस खीर और ऊंट, भेड़, बकरी के दूध से बनी तामस खीर। संत के अनुसार गाय के दूध की खीर से हवन करने पर अनंत गुना फल मिलता है। हवन में घी, पंचमेवा और खीर की आहुति से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। इससे मानसिक शांति मिलती है और पर्यावरण शुद्ध होता है।
नगर और समाज में सुख-समृद्धि आती है यज्ञशाला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने विधि-विधान से आहुति दी। वातावरण ‘ॐ स्वाहा’ के मंत्रों और वैदिक श्लोकों से गूंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं का मानना है कि ऐसे यज्ञों से नगर और समाज में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही दैवीय कृपा की प्राप्ति होती है।
यह यज्ञ 2 मार्च से चल रहा है। श्रद्धालुओं ने अपने परिवार की खुशहाली, समृद्धि और रोगों से मुक्ति की प्रार्थना की।